हल्दी के फायदे
1. लिवर को डिटॉक्सीफाई करने में:
हल्दी का उपयोग शरीर को डिटॉक्सीफाई करने के लिए किया जा सकता है। करक्यूमिन गाल ब्लैडर में बाइल या पित्त के उत्पादन को तेज़ करता है। लिवर इस बाइल का उपयोग विषैले जीवाणुओं को शरीर से बाहर निकालने में करता है। इसके अतिरिक्त, बाइल लिवर में आवश्यक सेल्स के निर्माण में भी योगदान देता है, जो घातक तत्वों को समाप्त करने का काम करते हैं। करक्यूमिन का उपयोग मरकरी के संपर्क में आए व्यक्ति का उपचार करने में भी किया जा सकता है, क्योंकि इसकी डिटॉक्सिफिकेशन प्रक्रिया बहुत अधिक प्रभावशाली होती है।
2. डायबिटीज में:
करक्यूमिन रक्त में ग्लूकोज के लेवल को कम करने में सहायक है। इससे शुगर या डायबिटीज में काफ़ी आराम मिल सकता है। हल्दी का सेवन करने से टाइप-1 डायबिटीज के मरीज की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। करक्यूमिन सप्लीमेंट्स ऑक्सिडेटिव स्ट्रेस को कम करने में भी सहायक हैं।
3. प्रतिरोधक क्षमता में सुधार:
हल्दी शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बेहतर करती है। हल्दी में एंटीइंफ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं, जो शरीर की प्रतिरोधक प्रणाली को और बेहतर कर सकते हैं। करक्यूमिन उन सेल्स को बनने से रोकता है, जो ह्रदय रोग व मोटापे का कारण बनते हैं। इसके अलावा, यह प्रतिरोधक प्रणाली को एक्टिव कर टीबी का कारण बनने वाले हानिकारक बैक्टीरिया को शरीर से ख़त्म कर सकता है।
4. कैंसर में:
कैंसर की रोकथाम में हल्दी का उपयोग किया जा सकता है। शोध में पाया गया कि कैंसरग्रस्त मरीजों द्वारा हल्दी का सेवन करने से उनके ट्यूमर का आकार छोटा हो गया था। इसके अतिरिक्त, कैंसर को खत्म करने में सहायक इम्यून सिस्टम में उपस्थित केमिकल्स भी एक्टिव हो जाते हैं। ब्रेस्ट कैंसर का इलाज करने में भी करक्यूमिन कारगर है।
5. वजन नियंत्रण व मेटाबॉलिज्म को बेहतर करने में:
मोटापा कई बीमारियों की जड़ है। इसके कारण हड्डियां कमजोर होती हैं, और शरीर में काफ़ी जगह सूजन भी आ जाती है। इससे ह्रदय रोग और डायबिटीज जैसी समस्याएं भी हो उत्पन्न हो सकती हैं। हल्दी में एंटीइंफ्लेमेटरी व कुछ अन्य गुण भी होते हैं, जो इन सभी समस्याओं से छुटकारा दिला सकते हैं। हल्दी उच्च रक्तचाप और कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित कर सकती है। यह वजन को भी नियंत्रित करती है। हल्दी मेटाबॉलिज्म प्रणाली को बेहतर करके शरीर में नए फैट को बनने से रोकती है।
हल्दी के उपयोग
- यदि आप शाम को स्नैक्स में उबली हुई सब्जियां खाते हैं, तो उस पर चुटकी भर हल्दी डाल सकते हैं।
- ग्रीन सलाद पर भी आप थोड़ी सी हल्दी डालकर ले सकते हैं।
- सूप में भी थोड़ी हल्दी को मिक्स किया जा सकता है।
- आप हल्दी की चाय भी बना सकते हैं। स्वाद के लिए आप इसमें थोड़ा-सा शहद भी मिक्स कर सकते हैं।
- खाना बनाते वक्त दाल या सब्जी में भी हल्दी का उपयोग कर सकते हैं।
- हेयर व स्किन केयर प्रोडक्ट्स और टूथपेस्ट में भी हल्दी का प्रयोग किया जाता है।
हल्दी के नुकसान
- किडनी स्टोन की समस्या वाले लोग हल्दी वाला दूध न लें। हल्दी में दो प्रतिशत ऑक्सालेट होने के कारण समस्या और बढ़ सकती है।
- पीलिया (joindice) के मरीज़ों को इसका सेवन नहीं करना चाहिए।
- हल्दी का अधिक सेवन करने से पेट में गर्मी,
जी-मिचलाना, उल्टी आना व दस्त लगना, और कुछ अन्य समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं, क्योंकि हल्दी की तासीर गर्म होती है। - हल्दी के अधिक सेवन से शरीर में आयरन की कमी हो सकती है, जिसकी वजह से शरीर में एनीमिया का खतरा बढ़ जाता है।
- हल्दी शरीर में रक्त के थक्कों को धीमा कर सकती है, जिसके कारण रक्तस्राव की समस्या बढ़ जाती है।
- यदि कोई कीमोथेरेपी करवा रहा है, तो उसे भी हल्दी के सेवन से बचना चाहिए।
- हल्दी पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन हॉर्मोन के स्तर को असंतुलित कर शुक्राणुओं की संख्या में कमी कर सकती है।